एपिसोड 6 : "खामोश हवेली की नई परछाई"⏳ धुंध की चादर और अधूरी किताब का रहस्यमुंबई की उस पुरानी हवेली के सामने रीया शर्मा, राहुल वर्मा और काव्या मिश्रा खड़े थे। हवेली का दरवाज़ा सालों से जर्जर था। उसकी लकड़ी पर धूल की मोटी परत जम चुकी थी। दीवारों की दरारें और टूटे फर्श मानो अपने भीतर एक अनकहा किस्सा छुपाए हुए थे। धीरे-धीरे चारों कदम उस दरवाज़े की ओर बढ़े, जहाँ से उनकी अधूरी किताब की गुत्थी शुरू हुई थी।काव्या ने फुसफुसाते हुए कहा –“यह हवेली… यहाँ की परछाइयाँ हर कदम पर हमारे साथ चल रही हैं। यह