प्रोटीन की बहस – अख़बार बनाम मिडिल क्लासये सपना नहीं हकीकत हैं अब अख़बार भी जताने लगे हैं अख़बार वाले भी अब जान गए हैं कि गरीब और मिडिल क्लास के लोग कोई इस समाज का हिस्सा हैं इसलिए आजकल अख़बार पेसेवालों को ध्यान में रख कर लिखता हैं और यही बात मुझे चुभ गई तो हम अख़बार से ही जबान लड़ाने लगे.अख़बार (गरजती आवाज़ में):-“40 की उम्र होते ही प्रोटीन लेना अनिवार्य है। बादाम, काजू, पिस्ता, फल और दही—ये सब रोज़ की डाइट में शामिल कीजिए। वरना शरीर जल्दी बूढ़ा हो जाएगा।”मिडिल क्लास आदमी (कुर्सी से झटककर उठते हुए):-“अरे