कछुआ और खरगोश

(165)
  • 1.1k
  • 336

हरे-भरे जंगल में तरह-तरह के जानवर रहते थे। हर कोई अपनी-अपनी दुनिया में खुश था। उन्हीं में से दो थे – एक खरगोश और एक कछुआ।खरगोश अपनी तेज़ दौड़ने की क्षमता पर बहुत घमंड करता था। वह जंगल के हर जानवर से कहता –“मुझसे तेज़ तो कोई दौड़ ही नहीं सकता। अगर कोई चाहे तो आकर मुझे चुनौती दे।”दूसरी ओर, कछुआ बहुत शांत और धैर्यवान था। वह धीरे-धीरे चलता था, पर कभी रुकता नहीं था। उसे खरगोश का घमंड और दूसरों का मज़ाक उड़ाना अच्छा नहीं लगता था।एक दिन खरगोश ने कछुए को देखकर ठहाका लगाया और बोला –“अरे धीरे