“सैयारा का तैयारा” (व्यंग्य) “ सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई देखूं तो एक शख्स भी अपना नहीं हुआ ”। उर्दू के मशहूर शायर जॉन एलिया का यह शेर आजकल बड़ा मुफीद है । ये उन ख़्वातीनों -हजरात पर बहुत फिट बैठ रहा है जो आजकल मोहब्बत का पैमाना “सैयारा” फ़िल्म को मान रहे हैं। सैयारा फ़िल्म की बिडम्बना यही है कि यह बड़ी दिलफ़रेब है। इस फ़िल्म में युवक -युवतियां (जिन्हें अब जेन जी भी कहा जाता है ) अपने वर्तमान प्रेम के साथ फ़िल्म देखने जाते हैं और अपने भूतपूर्व प्रेम (एक्स) को याद करके दहाड़ें