आन्या अपने कमरे में अकेली थी। खिड़की से आती हल्की सी ठंडी हवा उसके चेहरे को छू रही थी, पर उसके दिल में तूफ़ान मचा हुआ था। कांपते हाथों से उसने फोन उठाया और नंबर डायल कर दिया।फोन बजते ही उसकी धड़कनें और तेज़ हो गईं। जैसे ही अभिमान ने रिसीव किया, दोनों का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा।"मा... मान..." – आन्या रोते हुए बोली।अभिमान के कानों में उसकी टूटी हुई, कांपती आवाज़ जैसे ही पहुँची, उसका दिल पिघल गया। वह बेचैन हो उठा, उसकी सांसें तेज़ हो गईं।"क्या हुआ मेरा बच्चा? रो मत प्लीज़... बच्चा रो मत, मैं हूँ