बहुत समय पहले, एक ऐसे संसार में जहाँ धरती, आकाश और अलझान लोक मिलकर एक अदृश्य संतुलन बनाए रखते थे, वहाँ जिन्नों का एक रहस्यमयी राज्य था, जिसे लोग सिर्फ कथाओं और भयावह कहानियों में जानते थे। इसे “जिन्नलोक” कहा जाता था। यह लोक मनुष्य की नजरों से छुपा था और केवल चुने हुए लोग ही यहाँ पहुँच सकते थे।जिन्नलोक की सीमाएँ इतनी विशाल थीं कि कोई उन्हें नाप नहीं सकता। वहाँ की हवाएँ नीली और सोने जैसी चमकती थीं, रेत पर चलते कदमों की आवाज़ कहीं भी नहीं गूंजती थी, और आकाश में उड़े हुए जीव अपने साथ जादू