अस्तित्व की सबसे गहरी त्रयी

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प्रस्तावनाप्रेम, त्याग और समर्पण — ये तीन शब्द केवल भावनाएँ नहीं, बल्कि अस्तित्व की तीन अनिवार्य धड़कनें हैं। ये वो अदृश्य धागे हैं, जिनसे मनुष्य का जीवन, संबंध और ब्रह्मांड की गति तक बंधी हुई है। लेकिन हम अक्सर प्रेम को केवल आकर्षण, त्याग को केवल बलिदान और समर्पण को केवल हार मान लेना समझ बैठते हैं। सच तो यह है कि प्रेम बिना त्याग के अधूरा है, त्याग बिना समर्पण के बेमानी है, और समर्पण बिना प्रेम के मात्र एक खाली खोल। यह त्रयी जीवन की वह गहराई है, जहाँ इंसान स्वयं से भी आगे बढ़ जाता है।“प्रेम आत्मा