हसीन लड़की और अंजान लड़का

मुलाक़ात की पहली दस्तकदिल्ली का पुराना स्टेशन… शाम का वक्त था। प्लेटफ़ॉर्म पर भागती-दौड़ती ज़िंदगी का शोर, चाय वालों की आवाज़ें, कुलियों की पुकार और अनगिनत चेहरों का आना-जाना। इन्हीं भीड़-भाड़ वाले लम्हों में किस्मत ने दो अजनबी दिलों को मिलाने की तैयारी कर ली थी।रितिका—एक हसीन, नाजुक, और बेहद ख़ूबसूरत लड़की। बड़े-बड़े काले बाल, चेहरे पर हल्की सी मुस्कान, और आँखों में बेशुमार बातें। वह अपने कॉलेज से घर जा रही थी। स्टेशन पर खड़ी थी, हाथ में किताब और कानों में इयरफ़ोन।उधर से आया अर्जुन—एक साधारण लेकिन दिल से सच्चा लड़का। नीली शर्ट, बैग कंधे पर टंगा हुआ