पुराने शहर की तंग गलियों के बीच खड़ा Madarsa Noor-ul-Islam,जहां किताबों की खुशबू और सुबह की अज़ान एक साथ गूंजती है।यहीं से शुरू हुई Tousif और Saniya की कहानी —एक मासूम मुलाक़ात, चुपके-चुपके बढ़ती बातें,और वो छोटे-छोटे पल जो हमेशा के लिए दिल में बस जाते हैं।लेकिन हर मोहब्बत का अंजाम शादी नहीं होता…कभी-कभी ये धोखे, फरेब और टूटे वादों में बदल जाती है।Tousif का इश्क़, उसकी जद्दोजहद, और उसका इंतज़ार —ये कहानी आपको उस मोड़ पर ले जाएगी,जहां मोहब्बत याद बनकर रह जाती है,और इंसान सिर्फ एक सवाल के साथ जीता है —"क्यों?”अध्याय 1. पहली नज़र2. पहली बात3. नज़दीकियाँ4. वो