मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 5

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️ एपिसोड 4 : "सदियों पुरानी परछाइयाँ"⏳ सुबह की हल्की धुंधमुंबई की सुबह की हल्की धुंध ने शहर को एक मायावी चादर में लपेट रखा था।ऑफिस का माहौल पहले से भी ज्यादा गहरा और रहस्यमयी महसूस हो रहा था।अनाया मेहरा ऑफिस की शीशे वाली दीवार के सामने खड़ी थी।आर्यन की वो बात उसके दिमाग़ में गूँज रही थी —"क्या तुम्हें कभी ऐसा लगता है कि तुम्हारा और मेरा रिश्ता सिर्फ़ इस जन्म का नहीं है?"उसके होंठ बेमन से हिले —"ये खिंचाव… ये बेचैनी… कुछ तो गहरा है।"विवान कॉलेज के हाल से निकलते हुए रूहानी की ओर निगाहें लगाए खड़ा था।रूहानी