भाग 21 (अंतिम भाग)बेसमेंट की ठोस दीवार के पीछे काली छाया कैद थी। उस भयानक रात को हफ़्ते बीत गए थे। एक खोखली शांति ने हर चीज़ को अपनी गिरफ़्त में ले लिया था। छाया, विवेक, रिया और अनुराग ने अपनी-अपनी ज़िंदगियों में लौटने की कोशिश तो की, पर वे सब जानते थे कि कुछ बदल गया है। वे एक अदृश्य धागे से बंधे थे, जो अब कमज़ोर पड़ने लगा था।यह छाया के साथ शुरू हुआ। उसे अब डरावने सपने नहीं आते थे। बल्कि, एक ज़्यादा खतरनाक चीज़ ने उसके मन में घर बना लिया था—संदेह। एक रात वह बिस्तर