लघु उपन्यास यशस्विनी: अध्याय 15: भारत की प्राचीन विद्या कलरीपायट्टू और मीरा ने प्राप्त किया आत्मरक्षा का प्रशिक्षण बदमाशों द्वारा की जा रही छेड़छाड़ का समाचार जानकर यशस्विनी का मन व्यथित हो उठा। उसने विशेष रूप से मार्शल आर्ट कलरीपायट्टू के एक योग्य शिक्षक माधवन को त्रिवेंद्रम से बुलवाया। योग शिविर के आठवें दिन से प्रत्येक शाम को कलरीपायट्टू का प्रशिक्षण शुरू हुआ और इसके समापन के बाद योग शिविर का प्रश्नोत्तर सत्र शुरू होता था। मीरा ने आत्मरक्षा के प्रत्येक गुर को बड़ी बारीकी से सीखा। माधवन कलरीपायट्टु