अगले दिन शाम के वक्त स्नेहा ऑफिस से निकल कर एक मॉल में जाती है वहां उसे एक स्टोर में समान खरीदते वक्त अनिरुद्ध मिल जाता है। वह स्नेहा को देखकर उसे सॉरी कहता है। स्नेहा उसे गुस्से से देखती है और बिना कुछ कहे वहां से चली जाती है। अनिरुद्ध भी उसके पीछे जाता है जैसे ही स्नेहा बाहर आती है अनिरुद्ध उसे आवाज़ देते हुए कहता है... रुको मिस !!स्नेहा पलटती है दोनों एक दूसरे को देखते है और तभी वहां बारिश शुरू हो जाती है। स्नेहा कहती है....यह बिन मौसम की बारिश कभी भी शुरू हो जाती