इवेंट के बाद अनिरुद्ध घर पहुंचता है। वह सीढियों से उपर जा रहा था तभी उसे कड़क आवाज़ आती है। जिसे सुनकर वह वहीं रुक गया। उसने धीरे से पलट कर देखा यह उसके डैड थे जो कह रहे थे...."कर आए अपना दिन और हमारी बरसों की मेहनत बर्बाद। कब तक ऐसे ही भटकते रहोगे अनिरुद्ध तुम अपने उन निकम्मे दोस्तों के साथ ? हमने तुम्हे इसलिए बड़ा किया कि तुम अपने आप को और हमें ऐसे निक्कमे लोगों के साथ घूम - घूम कर बर्बाद कर सको ? कुछ कर लीजिए जनाब जिंदगी में, बाप की कमाई पर कब