पार्ट–8पार्क में साये का सचसुबह के नौ बजने ही वाले थे। कॉलोनी का बड़ा पार्क, जो आमतौर पर बच्चों की क्रिकेट और बुजुर्गों की टहलने की जगह हुआ करता था, आज एक सभा स्थल में बदल गया था।हर गली से लोग वहाँ पहुँच रहे थे। किसी के हाथ में मोबाइल, किसी के हाथ में पानी की बोतल, और किसी के मन में सिर्फ एक सवाल—“आज झग्गू जी कौन सा बम फोड़ेंगे?”बुजुर्ग आगे की बेंच पर बैठ गए, आंटियाँ गोल घेरा बनाकर खुसुर-फुसुर करने लगीं। लड़के झुंड में खड़े मोबाइल ऑन करके लाइव करने की तैयारी करने लगे। यहाँ तक कि