पूजा के फूल / कहानी / शरोवन शीशमगढ़ के भयानक और सूनसान जंगलों का एक असुरक्षित इलाका. ऐसा दहशत भरा और दुर्दम कि, कभी-भी कुछ भी वह हो जाए कि, जिसकी मनुष्य कभी कल्पना भी नहीं कर सकता है. इसीलिये इस इलाके में सरकार की तरफ से सांझ पांच बजे के बाद जन-सामान्य को प्रवेश करने की मनाही थी.दिन का सूरज शाम होते ही शीशम के घने जंगलों के पीछे जाकर छुप चुका था और जंगल के चप्पे-चप्पे में आनेवाली रात की भयवाह अपने पग बढ़ाने लगी थी. फिर जब रात हो गई और जंगल की मनहूसियत से भरा सारा माहौल