काजल ठाकुर को हमेशा से पहाड़ों से एक अलग सा लगाव था। हरियाली से ढके पहाड़, ठंडी हवाएं और बादलों के बीच से झांकता सूरज — उसे लगता था जैसे ये नज़ारे सीधे दिल में उतर जाते हैं। इस बार उसके लिए ये सफ़र और भी खास था क्योंकि वो अपने पूरे परिवार — पूरे 19 लोगों के साथ मसूरी जा रही थी।सफर की शुरुआत दिल्ली से सुबह-सुबह सभी ने सफर शुरू किया। 4 गाड़ियाँ थीं, बच्चों की मस्ती, बड़ों की बातें और दादी-दादाजी की पुरानी यादें — सफ़र का हर पल हंसी-खुशी से भरा हुआ था। काजल खिड़की के