मगरपुरुष... " त्रिश्का डरते हुए पीछे मुड़ती है सामने खड़े मगरपुरुष को देखकर काफ़ी डर चुकी थी, वो मगरपुरुष आधे इंसान जैसा था लेकिन चेहरा मगर की तरह था.. त्रिश्का घबराई सी उससे दूर जाने लगी थी, अचनाक उसका पैर शिकारी जाल में फस गया, उसके काटे त्रिश्का के पैर में गड़ चुके थे जिसकी वजह से त्रिश्का दर्द से चिल्ला उठी... एक पैर में गड़ा जाल औऱ सामने मगरपुरुष को देखकर मदद के लिये चिल्लाती है.. वो मगरपुरुष त्रिश्का पर अपने हथियार से वार करने के लिये उसकी तरफ बढ़ाता है तभी एक एक भाला आकर उसके आर पार हो