बासौदा स्कूल का वार्षिकोत्सव पूरे शहर के लिए त्यौहार जैसा होता था। पूरे मैदान में रंग-बिरंगी झालरें टंगी थीं, मंच पर बड़ी सी पेंटिंग बनी थी और बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में इधर-उधर भाग रहे थे। पूरा माहौल एकदम ऐसा था जैसे सारे तारे झिलमिलाते हुए बच्चों के रूप में धरती पर एक साथ उतर आए होंध्रुव (अपनी नाम की तरह आसमान का सबसे रोशन तारा) उस साल भी आयोजन समिति का हिस्सा था। प्रिंसिपल को उस पर पूरा भरोसा था – “ध्रुव है तो सब सही होगा।”दूसरी तरफ़ खुशी को *डांस परफ़ॉर्मेंस* में चुना गया था।जब ध्रुव ने पहली बार खुशी