अरजी, गरजी और दरजी

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ताज़ा व्यंग्य - अरजी  ,गरजी   और दरजी   यशवंत कोठारी  अरजी गरजी और दरजी एक साथ नेता जी के बंगले पर गए .नेता जी के लॉन में बड़ी  भीड़ थी ,लाइन लगी थी.पीए,पीएस,बाबू, चपरासी गन – मेन,गार्ड  सब व्यस्त थे.बाकि के लोग अन्दर घुसने के चक्कर में अस्त व्यस्त थे . कुछ लोग अपनी अर्जी पर डिजायर लिखवाना चाहते थे ,कुछ अर्ज करना चाहते थे ,कुछ अपनी व पार्टी की गरज से मिलना चाहते थे .कुछ सयाने लोग केवल पेचअप काम से आये हुए थे ,वे दरजी थे उनके पास सुई भी थी  और तलवार भी .कुल मिला कर नेताजी