■■ पड़ौसन की पप्पी ■■ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~मेरा पाँच वर्ष का नौनिहाल पौता वेहद मीठी मीठी बातें बनानें में वहुत माहिर है,अतः वह मेरें से ज्यादा घुला मिला होनें के कारण अधिकांश मेरे पास ही खेलता रहता है ।एक दिन मैं लॉन में कुर्सी डालें अखवार पढ़नें में व्यस्त था कि अचानक मेरें कानों में उसके जोर जोर से रोनें की आवाज़ सुनाई दी।मैंने अख़बार से ध्यान हटाकर ऊपर घर की ओर देखतें हुए पूँछा।अरे नौनिहाल बेटा क्यों रो रहें हो ? ऊपर से उसके पिता की डाँटने की आवाज़ सुनाई दी।जाओ अपनें दादाजी के पास, और उन्हें ही अपनीं वाहिआत फ़रमाइश