Basoda Se Bangalore Tak - 1

  • 480
  • 135

अध्याय 1 – बासौदा का छोटा सा शहरबासौदा… एक छोटा सा शहर, जहाँ ज़िंदगी की रफ़्तार बड़े शहरों जैसी तेज़ नहीं थी। यहाँ सुबह की शुरुआत मंदिर की घंटी से होती थी और शाम बाज़ार के गोलगप्पे वाले के ठेले के सामने ख़त्म।इसी बासौदा में रहता था *ध्रुव शर्मा* – एक ऐसा लड़का जो स्कूल के टीचर्स का फ़ेवरेट था और दोस्तों का दिल। ध्रुव पढ़ाई में हमेशा टॉपर, क्रिकेट में भी अच्छा और सबसे बड़ी बात – इंसानियत उसके चेहरे पर लिखी थी। लोग कहते थे, “ध्रुव के दिल में सबके लिए जगह है।”ध्रुव के दो दोस्त हमेशा उसके