कुछ कहानियाँ अधूरी ही अच्छी लगती हैं।दो ऐसे प्रेमी, जो एक-दूसरे के न हो सके, जीवन भर एक-दूसरे का इंतज़ार करते रहे। ऐसा इंतज़ार कि राह ताकते-ताकते आँखों के आँसू तक सूख गए।सावन महीने में आयोजित मधुकर महोत्सव के कारण बरसाना सज रहा था। लोगों में हर्ष-उल्लास था, महोत्सव में जाने की उत्तेजना साफ दिखाई दे रही थी। गाँव के सभी लोग सजने-संवरने में व्यस्त थे। बच्चों और युवाओं में विशेष उत्साह था। लोगों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी।वहीं, गाँव की नंदनी अपनी सहेलियों के साथ महोत्सव में जाने के लिए तैयार बैठी थी। किशोर अवस्था के प्रारंभ