गरीब बच्चे का सपनाएक छोटे से गाँव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम था आरव। आरव का परिवार बहुत गरीब था। उसके पिता खेतों में मजदूरी करते और माँ दूसरों के घरों में काम करके परिवार का पेट पालती। गरीबी इतनी थी कि कई बार पेट भर खाना भी नसीब नहीं होता था। लेकिन आरव के दिल में एक सपना था – वह पढ़-लिखकर एक दिन बड़ा आदमी बनना चाहता था।आरव के पास न अच्छे कपड़े थे, न जूते, न ही ढंग की किताबें। गाँव के सरकारी स्कूल में वह पढ़ता था, लेकिन वहां भी अक्सर किताबें खरीदने के