---अध्याय 3 – पहला सुरागसुबह का मौसम ताज़गी भरा था, लेकिन आरव के चेहरे पर थकान साफ़ दिख रही थी। पिछली रात की धमकी उसकी सोच पर भारी थी। वह जानता था कि यह मामला साधारण हत्या नहीं है। किसी बड़ी ताकत ने उसे चुप कराने की कोशिश की है, और अब पीछे हटना उसके लिए संभव नहीं था।आरव ने दफ़्तर जाने की बजाय सीधे पुराने बाज़ार की ओर रुख़ किया। वही जगह, जहाँ हत्या हुई थी। उसकी नज़र उस गली की दीवारों पर घूमी—मिट्टी के धब्बे, खून के निशान और लोगों की जिज्ञासु निगाहें। पुलिस की पीली पट्टी अब