अगले दिन सुबह आरव फिर मीरा को सौफे पर सोते हुए पाता है,उठो मीरा यहां क्या कर रही हो??मीरा आंखें खोल कर देखती है, सब कुछ नार्मल हो चुका था, रात की कुछ धुंधली तस्वीरे मीरा को नजर आ रही थी...आरव : तुम यहां कब आई???मीरा :तुम रात को कहां गये थे??आरव : मै तो कमरे में ही था.... तुम नीचे कब आई???मीरा : आरव तुम रात को कमरे में नहीं थे... मैंने तुम्हें आवाज लगाई पर कोई जवाब न आने पर मैंने नीचे आकर देखा.... फिर अचानक से....( मीरा चुप हो जाती है,)आरव : फिर क्या???मीरा : कुछ नहीं...( मै आरव को