---गाँव के पार का प्रेम – Part 1गाँव के किनारे, पक्की सड़क से थोड़ी दूर एक नीम का पेड़ खड़ा था। उसी पेड़ के नीचे अक्सर आरव को किताब लिए बैठे देखा जा सकता था। पढ़ाई में तेज़, सोच में गहरे और दिल से बेहद साफ़ लड़का था आरव।दूसरी ओर, मीरा गाँव के मुखिया की बेटी थी। उसकी आँखों में मासूमियत और चेहरे पर अजब सी चमक थी। जब वो अपनी सखियों के साथ खेतों से होकर गुजरती, तो हवा तक जैसे उसके पीछे चल पड़ती।मीरा और आरव की पहली मुलाक़ात किसी फिल्मी किस्से जैसी नहीं थी। वो बस संयोग