नागमणि - भाग 13

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– भाग 13️ लेखक – विजय शर्मा एरी, अजनाला अमृतसररात गहरी हो चुकी थी। किले के अंधेरे गलियारों में दीपक की लौ काँप रही थी। राघव, जो अब तक नागमणि की खोज में अपना जीवन दाँव पर लगा चुका था, चौखट पर बैठा हुआ सोच रहा था कि यह संघर्ष आखिर कहाँ तक जाएगा। उसकी आँखों के सामने बार-बार वही दृश्य घूम जाता – जब उसकी आँखों के सामने उसके गुरु ने अंतिम साँस लेते हुए कहा था –“राघव… नागमणि को सही हाथों में पहुँचाना… यही तेरा धर्म है…”शापित वन की सीमाअगले दिन प्रातः, राघव अपने साथियों – आर्या और