"जब इम्तिहान भी रिश्तों की नींव को मज़बूत करते हैं...."कुछ रिश्ते वक़्त मांगते हैं,कुछ रिश्ते सब्र….और कुछ रिश्ते -- इम्तिहान।अनंत और शानवी का रिश्ताअब एक ऐसी ही परीक्षा के दौर से गुजर रहा था,जहां दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब थे,पर फिर भी….कुछ अधूरा था।उस रात की बात है....शानवी ने कहा --“अनंत, क्या तुम्हें कभी डर नहीं लगता?कि हम इतने अलग हैं,हमारी ज़िंदगियाँ दो कोनों से शुरू हुई हैं,और कोई गारंटी नहीं कि ये एक ही दिशा में चलेंगी.…”मैं चुप रहा कुछ देर।फिर जवाब दिया --“डर तो है, शानवी।लेकिन उस डर से कहीं ज़्यादामुझे तुम्हारे साथ होने की उम्मीद है।”शानवी के