बूंदों में छुपा प्यार - 8

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--- भाग 1: दीवार की कहानीजान्हवी हर रोज़ उस पुरानी दीवार के पास जाती थी — जहाँ विराज ने कभी उसके लिए एक स्केच बनाया था।वो दीवार अब रंगों से नहीं, यादों से भरी थी।> “हर तस्वीर में एक अधूरी बात थी… और हर रंग में एक छुपा हुआ एहसास।”---️ भाग 2: विराज की वापसीएक दिन विराज लौटा — चुपचाप, बिना किसी शोर के।उसने देखा कि जान्हवी ने दीवार पर एक नई तस्वीर बनाई थी —  एक लड़की, अकेली, बारिश में भीगती हुई… लेकिन मुस्कुराती हुई।नीचे लिखा था:  > “अब मैं भीगती नहीं… मैं बहती हूँ।”--- भाग 3: अधूरी डायरीजान्हवी ने विराज