सुनहरी गलियों का प्यार - 8

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--- भाग 1: घर की सुबहजान्हवी और विराज अब अपने नए स्टूडियो-घर में रह रहे हैं — दीवारों पर स्केच, खिड़कियों पर हल्की धूप, और एक कोना जहाँ दोनों चुपचाप बैठते हैं।एक सुबह दरवाज़ा खुला रह गया — और एक दस्तक आई।विराज ने दरवाज़ा खोला — सामने थी अनया, उसकी कॉलेज की दोस्त, जो अब एक प्रसिद्ध फोटोजर्नलिस्ट बन चुकी थी।--- भाग 2: अनया की वापसीअनया कुछ दिन के लिए शहर में थी — और विराज से मिलने आई थी।जान्हवी ने उसे देखा — आत्मविश्वास से भरी, तेज़, और विराज से बेहद सहज।> “तुम दोनों बहुत पुराने दोस्त लगते हो,”