तुम वो शाम हो - 9

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---️ भाग 1: एक सुबह, एक प्रस्तावपेरिस की एक हल्की धूप वाली सुबह थी।  मिहिका खिड़की के पास बैठी थी, अपनी स्केचबुक में एक अधूरी तस्वीर बना रही थी — एक घर, जिसमें दो खिड़कियाँ थीं लेकिन दरवाज़ा नहीं।अयान ने उसके पास आकर कहा:  > “अगर हम इस तस्वीर को पूरा करें… तो क्या तुम मेरे साथ एक नाम बाँटना चाहोगी?”मिहिका चौंकी —  > “तुम शादी की बात कर रहे हो?”  अयान मुस्कराया:  > “मैं साथ की बात कर रहा हूँ — नाम तो बस एक दस्तावेज़ है।”--- भाग 2: उलझनेंमिहिका ने माँ की डायरी फिर से खोली —  उसमें एक पन्ना था:  > “अगर कोई तुम्हें