---️ भाग 1: एक सुबह, एक प्रस्तावपेरिस की एक हल्की धूप वाली सुबह थी। मिहिका खिड़की के पास बैठी थी, अपनी स्केचबुक में एक अधूरी तस्वीर बना रही थी — एक घर, जिसमें दो खिड़कियाँ थीं लेकिन दरवाज़ा नहीं।अयान ने उसके पास आकर कहा: > “अगर हम इस तस्वीर को पूरा करें… तो क्या तुम मेरे साथ एक नाम बाँटना चाहोगी?”मिहिका चौंकी — > “तुम शादी की बात कर रहे हो?” अयान मुस्कराया: > “मैं साथ की बात कर रहा हूँ — नाम तो बस एक दस्तावेज़ है।”--- भाग 2: उलझनेंमिहिका ने माँ की डायरी फिर से खोली — उसमें एक पन्ना था: > “अगर कोई तुम्हें