नक्षत्र रक्षक महागाथाप्रथम अध्याय : उत्पत्तिआदि काल में जब सृष्टि का प्रथम उदय हुआ, तब आकाश देव ने अंधकार को दूर करने हेतु अनगिनत तारों की रचना की। ये तारे दीपक की भाँति ब्रह्मांड को आलोकित करने लगे। किन्तु अंधकार का अधिपति अंध्यसुर इस ज्योति से संतप्त हुआ। उसने काल के गहरे गर्भ से कालग्राह नामक महादैत्य को जन्म दिया, जो तारों को निगलने लगा। एक-एक करके नक्षत्र मंद पड़ने लगे। ब्रह्मांड में भय का संचार हुआ और समय का प्रवाह डगमगाने लगा।तब ब्रह्मा ने घोषणा की— “ज्योति की रक्षा हेतु हम नक्षत्र रक्षकों को जन्म देंगे। वे होंगे आधे मानव, आधे नक्षत्र,