दिल इबादत दिल की धड़कनों में जब कोई अजनबी दस्तक देता है, तो ज़िंदगी का हर सफर बदल जाता है। कभी-कभी प्यार हमारी सोच से परे, हमारी इबादत बन जाता है। यही कहानी है आरव और काव्या की…---पहला पड़ाव – मुलाक़ातआरव, दिल्ली यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था। उसका सपना था बड़ा लेखक बनने का। वह अक्सर कॉलेज की लाइब्रेरी में किताबों के बीच खोया रहता। उसे दुनिया की चमक-दमक से ज्यादा सुकून पसंद था।एक दिन लाइब्रेरी में उसने पहली बार काव्या को देखा। लंबे बाल, किताबों में डूबी हुई, चेहरा मानो किसी मासूम ख्वाब सा। आरव की निगाहें उस पर