सिमरन सोच रही थी कि कही मैं साहिल के साथ तो गलत नही करूंगी ना इससे? यही बात उसे रोक रही थी, साहिल की बात मानने से! पर फिर वो सोचती हैं कि हमेशा मैने दूसरो का ही पहले सोचा है, इसलिए मेरे साथ हमेशा बुरा हुआ है। इस बार पहले खुद के बारे में सोच लेती हुं, वैसे भी साहिल और तानिया दीदी सामने से मेरी मदद करना चाहते है। एक बार इनकी मदद लेने में क्या जाता है, वैसे भी मेरे पास और कोई ऑप्शन नही है। तानिया - क्या सोच रही हो सिमरन? साहिल ठीक ही कह रहा