एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 21

प्रकृति ने जैसे-तैसे उसे कैब तक पहुँचाया।उसका सिर उसके कंधे पर गिरा हुआ था, साँसों में शराब की तीखी गंध, पर आँखों में किसी अनकहे दर्द की परछाई।दिल ही दिल में उसने सोचा—“ये लड़का बाहर से कितना सख्त है… लेकिन भीतर से कितना टूटा हुआ।”कैब में बैठते ही फोन बज उठा।कबीर का नाम देखकर उसने झट से कॉल उठाया।“हैलो कबीर, (फोन उठाते ही उसने किसी रट्टू तोते तरह सब कुछ कबीर को बता शायद उसे इस बात कर डर था कि कोई उसे गलत न समझ ले)कबीर ख़ुद शॉक में था उसे समझ हीं नहीं आया कि क्या बोले, जिस