जी ले ज़रा भाग – 1ज़िंदगी का सफर कब किस मोड़ पर ले आए, कोई नहीं जानता। कभी छोटी-सी हंसी भी दिल को सुकून दे देती है, तो कभी बड़ी-सी कामयाबी भी खालीपन का एहसास करवा देती है। यही कहानी है आयुष और सिया की, जिन्होंने एक-दूसरे के साथ जीने का नया तरीका सीखा – “जी ले ज़रा”।आयुष दिल्ली का एक साधारण-सा लड़का था। कॉलेज के दिनों में उसका सपना था कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करके जॉब करे और परिवार का सहारा बने। उसका स्वभाव शांत, लेकिन अंदर से बहुत गहरी सोच वाला था।वहीं सिया, उसी कॉलेज की