गुफ़ा का अंधकार अब गहराई में और भी घना हो चुका था।लाल लपटों और धुंध के बीच, दीवारों पर उकेरे गए प्रतीक और पुरानी शिलालेख अब और अधिक डरावने दिख रहे थे।हर कदम पर उनका मन गहराई से परखा जा रहा था—यह केवल शारीरिक यात्रा नहीं थी, बल्कि मन, आत्मा और विश्वास की परीक्षा भी थी।आर्यन सबसे आगे बढ़ रहा था।उसकी आँखों में अब स्थिरता और चिंता का मिश्रण था।“यहाँ कुछ बदल रहा है… यह जगह केवल परीक्षण नहीं, चेतावनी भी दे रही है,” उसने धीरे कहा।वेदिका उसके पास चल रही थी, उसके हाथ में विश्वास की चमक झलक रही