मौजूद थी आरोही _ और एक लाश खिड़की से ठंडी हवा और बारिश की बूंदें,, आरोही के मुंह छू कर जा रही थी,, गुमसुम खडी आरोही,,, मन में क ई सवाल लिए चुपचाप बारिश को देखे जा रही थी,, आरोही तुम्हें सर्दी लग जायेगी,, इस आवाज ने आरोही को अपनी ख्यालों की दुनिया से जगाया,,, आवाज थी उसकी मां की,,, मां मैं बस बारिश देख रही थी,,, आरोही का फोन रिंग करता है,, आरोही स्क्रीन पर फ़्लैश हो रहे नंबर को देखकर चौंक जाती है,,, फ़ोन क्यूं नहीं उठा रही हो??? मां ने पुछा.... आरोही फोन लेकर अपने कमरे में आती है,,पर तब तक फोन कट