क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि उस युग की दुनिया कैसी रही होगी जब समय को मापने का कोई साधन ही नहीं था? ना कोई कैलेंडर था, ना घड़ी, ना ही तारीखों का कोई नामोनिशान। तब लोग कैसे तय करते होंगे कि किस दिन खेत में बीज बोना है और कब फसल काटनी है? कल्पना कीजिए एक ऐसा दौर जब इस धरती पर तारीख, साल और महीनों जैसे शब्द ही मौजूद नहीं थे। फिर भी कुछ लोग जानते थे कि कौन सा दिन शुभ है और कौन सा दिन अनिष्ट का संकेत देता है। क्या आपने कभी यह