कामिनी एक अजीब दास्तां - भाग 7

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महल में चेतन दिव्य भोगों को भोगता है अनेक व्यंजनों को खाकर और सोमरस का पान करके वह शयनकक्ष में लेट जाता है, तभी कामिनी भी उसके पास आकर बैठ जाती है और उसके गालों को चुमकर प्रेम का आग्रह करती है पर चेतन उसे साफ इंकार कर देता है फिर रात्रि भी चेतन को भड़काने का प्रयास करती है और विफल हो जाती है, जब चतुर कामिनी और रात्रि के सभी प्रयास असफल हो जाते हैं तो वह अपना भयानक डरावना पिशाचीनी का रूप धारण कर लेती है, उन दोनों के सिंह जैसे भयानक नाखून और मुंह में बड़े-बड़े