पहली मुलाकात - अध्याय 2

अध्याय 2 – नए रिश्ते और चुनौतियाँअगली सुबह, हॉस्टल की खिड़कियों से धूप की हल्की किरणें कमरे में घुस रही थीं। मुकुंद जल्दी उठ गया। कल की हलचल, नए चेहरों और आन्या की मुस्कान का असर अभी भी उसके दिमाग़ में था। उसने अपना बैग तैयार किया और quietly breakfast के लिए नीचे उतर गया।हॉस्टल के कॉरिडोर में कदम रखते ही उसने महसूस किया कि यहाँ हर कोना कुछ नया सिखा रहा है। लोग जल्दी-जल्दी breakfast लेने जा रहे थे, कुछ दोस्त groups में बातें कर रहे थे, और कुछ अपनी किताबों में मशगूल थे। मुकुंद धीरे-धीरे mess की ओर