सुकेंद्र ने कहा....राजकुमारी रुहानिका आप हमारी होने वाली पत्नी थी। आपके माता पिता ने हमें आपके लिए चुना था लेकिन आपने इस कायर को स्वयं के लिए चुन कर भूल कर दी। जिसकी सजा हम सबको भुगतनी पड़ी। अब जब आप लौट आई हैं तो हमारा मिलन होकर उस अधूरी कहानी को पूरा कर ही देते हैं जिससे इस लड़ाई का अंत हमेशा के लिए हो जाएगा।रूहानी ने सुकेंद्र की तरफ देखकर कहा.... हमने तुम्हें ना ही तब चुना था और ना ही आज चुनेंगे सुकेंद्र, तुम्हें प्यार का अर्थ ही नहीं मालूम तुम सिर्फ छिनना जानते हो इसी वजह