वो जो मेरा था - 14

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"वो जो मेरा था..." – Episode 14---सांझ ढल चुकी थी। शहर की रोशनियाँ जैसे आसमान के तारे ज़मीन पर उतर आई हों। अराव अपनी कार धीमे-धीमे समुद्र किनारे ले आया था। हवाओं में नमी थी, लहरों की आवाज़ दिल की धड़कनों जैसी लग रही थी। कार से उतरते ही उसने गहरी साँस ली और दूर खड़ी कव्या को देखा।कव्या बालों को हवा से बचाने की नाकाम कोशिश कर रही थी। उसकी सफेद ड्रेस पर नीले आसमान की परछाई पड़ रही थी। वह उस वक़्त इतनी खूबसूरत लग रही थी कि अराव का दिल जैसे उसी पल रुक गया हो।"इतनी देर