बरसों बाद तुम - 17

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️ एपिसोड 17: “जब अपने ही पराए लगने लगें…”> “कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं…जो पास होकर भी दूर लगते हैं,और कुछ लोग…जो हमारे अपने होते हुए भी अजनबी बन जाते हैं।”---Scene: किताब की सफलता और अनकहा बदलावरेहाना की किताब "बरसों बाद तुम – माँ की डायरी से"मार्केट में आते ही ट्रेंड करने लगी।रिव्यूज़, मैसेज, इंटरव्यू के ऑफर… हर ओर रेहाना का नाम।लेकिन घर के एक कोने में एक चुप्पी पनप रही थी…---Scene — सास-बहू के बीच हलका तनावरेहाना की सास रसोई में अकेले काम कर रही थीं।रेहाना आई —> “माँ जी, आज मैं बना देती हूँ न?”“अब समय कहाँ तुम्हारे