तामसिक क्रिया की तैयारी...अब आगे.............गामाक्ष रात के अंधेरे में मंदिर के तहखाने वाले कमरे से वो किताब चुरा रहा था , जिसे देखकर आदिराज चौंकते हुए कहते हैं......" इस गामक्ष ने पैशाची विद्या की किताब क्यूं चुराई....?...."आदिराज को विहल देखकर अमोघनाथ उन्हें करते हुए कहता है......" आदिराज जी..! आप शांत हो जाइए नहीं तो आप अपनी शक्तियों पर से नियंत्रण खो देंगे...."" अमोघनाथ मेरी शक्तियों की परवाह नहीं मुझे , , इस गामाक्ष ने आधी रात को ये चोरी क्यूं की...?...कहीं ये भी तो पैशाची शक्तियों को तो प्राप्त नहीं करना चाहता....?..." " आदिराज जी ! मैंने आपसे पहले ही कहा