अपहरण कांड की शुरुआत...अब आगे.........आदिराज अदिति को अमोघनाथ को सौंप कर खुद उस घेरे के आस पास उस बोतल को ढूंढ़ने लगते हैं , , आस पास उस शीशी को न मिलने की वजह से आदिराज के चेहरे पर डर झलकने लगा था और उस अभिमंत्रित खंजर को उठाकर जल्दी से उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर उसपर मौली को लपेटते हुए मंत्रों का जप कर रहे थे , , उस खंजर को पूरी तरह ढकने के बाद उसे वो कमर में बांध लेते हैं और फिर काली माता के सामने रखे मौली को उठाकर उसमें एक रूद्राक्ष को पीरोकर