Obession of my Girl - 7

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अब तक अपने पढ़ा ,कमरे में घुसते ही उसकी नज़र घड़ी पर गई —रात के 12 बज चुके थे। वो हल्की सी मुस्कान के साथ दरवाज़े की तरफ़ देखती है और कहती है —"वैसे… मेरे हसबैंड जी हैं कहाँ?"(उसके लफ़्ज़ों में शरारत थी…पर आँखों में एक अधूरा इंतज़ार।)अब आगे , तभी दरवाजा एक झटके से खुलता है । नूर जिसकी नजर उस ओर जाती है । ताबिश जो कमरे मै कदम रखते है । काले शेरवानी में, चेहरा थका हुआ लेकिन आंखों में वही पुराना गुस्सा ।वो कमरे में आया, लेकिन नूर की तरफ एक नज़र तक नहीं डाली । जैसे