एपिसोड 13 – राजनीति की ओर पहला कदमसमाज सुधार से राजनीति की ओरमहाड़ सत्याग्रह और कालाराम मंदिर सत्याग्रह जैसे आंदोलनों के बाद अंबेडकर अब केवल सामाजिक सुधारक नहीं रहे थे। वे दलितों के लिए प्रेरणा, आत्मसम्मान और विद्रोह का प्रतीक बन चुके थे।उनकी छवि एक ऐसे नेता की थी जो डरता नहीं, झुकता नहीं, और अन्याय के खिलाफ सीधा खड़ा हो जाता है।दलित समाज को अब अहसास हुआ कि आंदोलन और सत्याग्रह से जागरूकता तो बढ़ सकती है, पर असली बदलाव तब आएगा जब सत्ता और राजनीति में उनकी हिस्सेदारी होगी।अंबेडकर ने भी साफ कहा था—“अगर सत्ता पर आपका कोई