(आद्या अपने कमरे में खुश थी, लेकिन अचानक रूचिका—या उसका रूप धारण किए नाग—उसे घूरता दिखाई दिया। उसकी नागगंध से आद्या सतर्क हो गई और हथेली पर नागचिह्न चमक उठा। अचानक रूचिका ने नाग का रूप धारण किया और भाग गई। आद्या के भीतर जिज्ञासा, गुस्सा और डर का तूफान उठ गया। पुराने बरगद के पास आद्या ने नागों की सभा में जाना, जहाँ वृद्ध नाग ने बताया कि रूचिका गलती से नागधरा लोक में चली गई थी और उसे मृत्युदंड का सामना करना पड़ा। आद्या को समझ आया कि रूचिका जीवित है, लेकिन नागधरा लोक रहस्यों और खतरों से